कला/साहित्य / संस्कृति खबरें शिक्षाएनबीटी द्वारा गुरु नानक बाणी पुस्तक का पाँच भारतीय भाषाओं में प्रकाशन करने से मैं प्रसन्न हूं : हरसिमरत कौर By admin Posted on November 9, 20191 second read0 1 16 Share on Facebook Share on Twitter Share on Google+ Share on Reddit Share on Pinterest Share on Linkedin Share on Tumblr गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री तथा माननीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री, भारत सरकार द्वारा एनबीटी की पंजाबी पुस्तकों का लोकार्पणगुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में, भारतीय पाठकों के बीच गुरु नानक देव जी की लेखनी एवं उनकी शिक्षाओं के प्रसार हेतु राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा तीन पंजाबी पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है, यथा – गुरु नानक बाणी, नानक बाणी तथा साखियाँ गुरु नानक देव। गुरु नानक बाणी पुस्तक का उर्दू, ओड़िया, मराठी, हिंदी तथा गुजराती भाषाओं में भी प्रकाशन किया जा चुका है तथा इन पुस्तकों का लोकार्पण भी हुआ। इसका असमिया, बांग्ला, कन्नड़, संस्कृत, कश्मीरी, मलयालम, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, सिंधी तथा अंग्रेज़ी भाषाओं में भी अनुवाद कार्य प्रारंभ किया गया है।गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर इन तीन पुस्तकों का प्रकाशन करने हेतु डॉ. रमेश पोखरियाल ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत की सराहना की। वर्तमान समय में जटिलताओं के परिवेश में गुरु नानक देव की शिक्षाएँ अत्यंत उपयुक्त हैं तथा युवाओं एवं संपूर्ण मानव जाति को उनके ‘एक ईश्वर‘, मानवता तथा समानता के दर्शन का पालन करने की बहुत आवश्यकता है। यहाँ उपस्थित पाठकों एवं दर्शकों को डॉ. पोखरियाल ने यह भी बताया कि भारतीय विश्वविद्यालयों में गुरु नानक देव की चेयर शामिल करने के साथ-साथ सरकार ने यूनाइटेड किंगडम तथा कनाडा के विश्वविद्यालयों में भी गुरु नानक देव की चेयर शामिल करने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी सूचित किया कि विदेशों में भी भारतीय नियुक्तवद द्वारा विभिन्न पैनल चर्चाओं, विचार-विमर्श, पुस्तक लोकार्पण, संगोष्ठियों आदि के आयोजन का समन्वयन किया जा रहा है।इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने इन पुस्तकों के लोकार्पण के लिए एनबीटी की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये पुस्तकें वास्तव में आज के समय की आवश्यकता हैं। वे यह जानकर अत्यंत प्रसन्न थी कि एनबीटी द्वारा गुरु नानक बाणी पुस्तक का पाँच भारतीय भाषाओं में प्रकाशन किया जा चुका है तथा 15 भारतीय भाषाओं में इस पुस्तक के प्रकाशन की योजना है जिससे कि देशभर में लाखों भारतीयों तथा संपूर्ण मानव जाति तक गुरु नानक देव के ‘एक ईश्वर‘ एवं शांति का संदेश तथा शिक्षाएँ पहुँच सकें।कार्यक्रम में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष, प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा ने भी लोकार्पित पुस्तकों के बारे में जानकारी दी और साथ ही बताया कि और भी इस तरह की पुस्तकें प्रकाशित की जा रही हैं। गुरु नानक देव जी की सादगी पर बात करते हुए प्रो. शर्मा ने गुरु नानक देव के जीवन की कुछ कहानियाँ दर्शकों के साथ साझा कीं तथा कहा कि उनकी शिक्षाएँ सामाजिक, धार्मिक, रंग, संप्रदाय, जाति आदि भेदभावों, राष्ट्रीय बाधाओं तथा सीमांकन से बहुत परे हैं।नवंबर 2018 में प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि राज्य सरकारों तथा विदेशों में भारतीय नियुक्तवद के साथ मिलकर संपूर्ण देश एवं दुनियाभर में वर्ष 2019 को गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के रूप में भव्य तरीके से मनाया जाए। कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों में से एक प्रमुख निर्णय यह था कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा गुरबाणी का प्रकाशन विभिन्न भारतीय भाषाओं में किया जाएगा तथा यूनेस्को द्वारा गुरु नानक देव की लेखनी का प्रकाशन विश्व की प्रमुख भाषाओं में किया जाएगा।उपरोक्त पुस्तकों का लोकार्पण माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री, भारत सरकार, डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ तथा माननीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री, भारत सरकार, श्रीमती हरसिमरत कौर बादल द्वारा आज सुबह, अर्थात् 07 नवंबर, 2019 को श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत, प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा; अध्यक्ष, एसजीपीसी, दिल्ली, श्री मनजिंदर सिंह सिरसा; प्रधानाचार्य, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, डॉ. जसविन्दर सिंह; पूर्व राज्यसभा सदस्य तथा गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष, श्री एस. तरलोचन सिंह; पूर्व कुलपति, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला तथा एनसीएमईआई सदस्य, डॉ. जसपाल सिंह भी उपस्थित थे।इससे पूर्व, कार्यक्रम का शुभारंभ गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत की गई गुरबाणी से किया गया।राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा पंजाबी भाषा में प्रकाशित तीन पुस्तकों का विवरण इस प्रकार है :गुरु नानक बाणी नामक पुस्तक भाई जोध सिंह द्वारा संकलित की गई है तथा इसमें गुरु नानक देव की मूल वाणी से विभिन्न पद विषयवार संकलित किए गए हैं। वर्तमान परिदृश्य में गुरु नानक देव के लेखन की प्रासंगिकता स्पष्ट दिखाई देती है क्योंकि उनकी लेखनी भ्रमित समाज में एक प्रकाशस्तंभ की भूमिका निभाती है। नानक बाणी शीर्षक पुस्तक (मंजीत सिंह द्वारा संकलित), गुरु नानक देव के पाँच प्रमुख लेखन (पाँच बनिया) का संकलन है। जन्म साखियाँ अर्थात् जन्म कथाएँ, गुरु नानक की आत्मकथाएँ हैं। साखियाँ गुरु नानक (जगतारजीत सिंह द्वारा संकलित) पुस्तक, गुरु नानक के जीवन की कहानियों पर आधारित है। यह विशेषकर बच्चों के लिए एक सचित्र पुस्तक है।