खबरें ज़िंदगी लाइव 10 वर्षीय नन्हें वीर अंगद भारद्वाज ने बनाए दो वर्ल्ड रिकॉर्ड्स By admin Posted on August 9, 2020 2 second read 0 1 350 Share on Facebook Share on Twitter Share on Google+ Share on Reddit Share on Pinterest Share on Linkedin Share on Tumblr नई दिल्ली : बाल पर्वतारोही अंगद भारद्वाज ने 10 वर्ष की उम्र में दो अदभुत विश्व कीर्तिमान बनाकर लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया है’, नन्हे वीर के चर्चे सबकी जुबान पर छाए हुए है। अंगद ने पहला रिकॉर्ड सबसे छोटी उम्र में भारतीय सेना प्रमुख के हाथों सम्मानित होने तथा दूसरा रिकॉर्ड सबसे कम उम्र में भारतीय वायु सेना से प्रशिक्षित होने का खिताब हासिल किया है। सम्मान पत्र प्राप्त करते समय “अंगद भारद्वाज” खुशी से झूम उठा। उसने कहा कि में पर्वतारोहण के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करके देश के मान सम्मान को बढ़ाना चाहूंगा। नन्हें पर्वतारोही ने कार्यक्रम के जजों को भी धन्यवाद दिया। पौत्र अंगद भारद्वाज द्वारा विश्व कीर्तिमान बनाए जाने पर उनके “दादा कैप्टन रामकिशोर” (सेवानिवृत) ने हर्ष जताते हुए कहा,‘अंगद भारद्वाज द्वारा विश्व पटल पर नाम रौशन करने पर बधाई देता हूं ! मेरी भगवान से प्रार्थना है कि वह सदा इसी प्रकार से देश के सम्मान और उन्नति में अपना योगदान देता रहे। अंगद को मेरी ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। अंगद भारद्वाज को मिले सम्मान पर उनके पिता और सिक्स सिग्मा हाई ऐल्टिटूड मेडिकल सर्विस के निदेशक डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘बच्चे ऊर्जा का भण्डार होते हैं। और उनको सही दिशा में लगाना माता पिता का फर्ज होता है, जब स्कूल से गर्मी व सर्दी की छुट्टियाँ होती तो हम अंगद को ऊँच पहाड़ी इलाकों में सेवा हेतु ले जाते थे…इस प्रकार अंगद भी रुचि लेने लग गया ! यदि बच्चों को सही दिशा- निर्देश मिले, तो दुनिया का कठिन से कठिन कार्य कार्य करने से भी पीछे नहीं हटते हैं। उनके द्वारा किए गए कार्य दूसरों बच्चों के लिए प्ररेणाश्रोत बन जाते हैं। देश को आगे ले जाने और साहसिक कार्यों के लिए अंगद को मेरा पूर्ण समर्थन रहेगा। नन्हा पर्वतारोही अंगद (10 वर्ष) देश के बच्चों के लिए शानदार उदाहरण है। बाल पर्वतारोही अंगद को खतरों से खेलने का शौक पिता डॉ. प्रदीप भारद्वाज से विरासत में मिला है। उन्हीं के पद चिह्नों पर चलते हुए उसने पहाड़ों में अत्यंत जाखिम भरे क्षेत्रों-अमरनाथ (14000 फीट) और केदारनाथ (12000 फीट) में निरूस्वार्थ सामाजिक सेवा प्रदान कर राष्ट का गौरव बढ़ाया है। ’बाल वीर अंगद अदम्य साहस, बहादुरी, निडरता और देश भक्ति जैसे गुण कूट-कूट कर भरे हुए है। नन्हा वीर ‘ट्रेन हार्ड एंड फाइट इजी’ सिद्धांत में विश्वास रखता है’ उसने सिक्स सिग्मा पर्वतारोहण दल के साथ भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो और आईटीबीपी (औली) में रैपलिंग, फिसलना, पर्वतारोहण और शून्य से कम तापमान में कार्य करने का प्रशिक्षण प्राप्त किया है जो दूसरे बच्चों को पर्वतारोहण की ओर लक जाने की प्रेरणा देगा।