भारत का सबसे बड़ा कला महोत्सव दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल का दिल्ली के कर्त्तव्यपथ इण्डिया गेट पर 16 से 30 दिसंबर तक होगा आयोजन
नई दिल्ली : भारत का सबसे प्रतिष्ठित कला महोत्सव ‘दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल’ आजादी का अमृत महोत्सव संस्करण के साथ 16 दिसंबर से 30 दिसंबर तक कर्तव्यपथ, इंडिया गेट लॉन, सेंट्रल विस्टा में शुरू हो रहा है। इनके आलावा महोत्सव के तहत फिल्म महोत्सव एवं अन्य कई क्रार्यक्रम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, इण्डिया हैबिटेट सेंटर एवं अन्य जगह भी आयोजित की जाएगी l डीआईएएफ 2022 दिल्ली के विभिन्न रंगों, रोमांचक प्रस्तुतियों और उत्सव की भावना के साथ इस समारोह को रोशन करेगा।
महोत्सव की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस वार्ता को पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद, संस्थापक महोत्सव निदेशक, सुरेश गोयल, एफएबीबी के पूर्व राजदूत और ट्रस्टी और श्रीमती अरुणा वासुदेव, फिल्म विशेषज्ञ ने संबोधित किया l
महोत्सव की संस्थापक निदेशक, प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद के निर्देशन में फोरम फॉर आर्ट बियॉन्ड बॉर्डर्स एंड प्रसिद्ध फाउंडेशन द्वारा आयोजित की जा रही इस मेगा इवेंट दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल 2022 का भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय मुख्य सहयोगी है। दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल 2022- “व्हेयर भारत मीट्स इंडिया” में पूरे भारत के प्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुतियों की एक रोमांचक श्रृंखला शामिल है। दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव अपनी तरह का इकलौता महोत्सव है क्योंकि इसमें संगीत, नृत्य, रंगमंच, कठपुतली, कविता, साहित्य, दृश्य कला, फिल्म और प्रदर्शनियों की सभी विधाएं शामिल हैं। पारंपरिक से लेकर समकालीन अभिव्यक्ति तक कला के सभी रूपों से आप यहां रूबरू हो सकेंगे।
महोत्सव की संस्थापक निदेशक, प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद ने कहा, “यह वर्ष कई मायनों में खास है। यह हमारे प्यारे देश की औपनिवेशिक शासन से आजादी का 75वां वर्ष है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारत जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है और हम सभी कोरोना वायरस लॉकडाउन के अंधेरे से बाहर निकलकर भारत में एक नई ताकत, नई रोशनी, नई दिशा की ओर आ रहे हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण है और हम सबका कर्तव्य है कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने देश को मजबूत और सुरक्षित बनाने में योगदान दें।”
पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद ने बताया कि थीम को ध्यान में रखते हुए हम उन योद्धाओं को सलाम करते हैं जो आजादी की जंग लड़ी। इसके साथ ही हम ‘महिला सशक्तिकरण’, ‘हमारी पवित्र नदियों की सफाई’, देश को ‘स्वच्छ और बीमारी मुक्त’ रखने, ‘पारिस्थितिकी और पर्यावरण’ के संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता और ‘प्रकृति के साथ सद्भाव’ में रहने का प्रयास और वसुधैव कुटुम्बकम को दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल के माध्यम सेलिब्रेट कर रहे हैं।”