कर्नाटक में मिली काँग्रेस की जीत सेआगामी लोकसभा 2024 के चुनाव कितना प्रभावशाली होगा
- प्रस्तृति : विनोद तकियावाला
कर्नाटक विधान सभा चुनाव 2023 के परिणाम आ गये है।कनार्टक के सिंधासन के उत्तराधिकारी के चयन के लिए चर्चा-चिन्तन का दौर चरमोत्कर्ष पर है।कर्नाटक के विधान सभा के चुनाव परिणाम से काँग्रेसी खेमें में खुशी की लहर है,वही विपक्षी राजनीतिक दलो के नेताओ को विपक्षी एकता की नई उम्मींद की किरण दिख रही है।विपक्षी दलों के नेताओ का मानना है कि कर्नाटक विधान सभा चुनाव के यह परिणाम आगामी 2024 में लोकसभा चुनावों में भाजपा की करारी हार असर डालेंगे।कर्नाटक में भाजपा के हारने के बाद एक मात्र दक्षिणी राज्य थी वे भी उनके हाथ से निकल गई। जिसका अगामी वर्ष लोकसभा चुनाव के परिणाम पर भी पड़ेगा।इस संदर्भ में जनतादल(यूनाइटेड)के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने विधान सभा नतीजों से पहले भविष्यवाणी की थी कि बीजेपी “बड़े अंतर से चुनाव हार जाएगी”उन्होंने कहा था कि आने वाले दिनों में बीजेपी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव भी हार जाएगी।आप को बता दें कि कर्नाटक लोकसभा में 28 सदस्यों को भेजता है,ऐसे में इस राज्य को खोना बीजेपी को एक झटका लगा है।सन 2019 लोकसभा चुनाव मे राज्य की28 सीटों में से बीजेपी ने 25 और उसके समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी ने एक सीट जीती थी जबकि कांग्रेस-जेडीएस को एक-एक सीट मिली थी।कर्नाटक में बीजेपी की हारने के बाद पार्टी के लिए आगामी लोक सभा के चुनाव में 2019 के नतीजे दोहरा पाना मुश्किल होगा।वही दुसरीओर कांग्रेस की 24 के लोक सभा में सीटें बढ़ सकती हैं।कर्नाटक विधान सभा 2023 के चुनाव में कांग्रेस की जीत से दक्षिण भारत के बाकी राज्यों में भाजपा को भी हार मिल सकती है।
आप को बता दे कि दक्षिण भारत के कर्नाटक,तमिलनाडु,केरल,तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और पुड्डुचेरी में मिलाकर लोकसभा की कुल130 सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी के पास फिलहाल 29 सीटें ही हैं।इसमें से भी 25 सीटें उसे अकेले कर्नाटक से ही मिली है. तेलंगाना से बीजेपी के पास चार सांसद है।राजनीतिज्ञो पंडितों का मानना है कि बीजेपी की कर्नाटक में हार से दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में खाता खोलना मुशकिल हो जाएगा ।कर्नाटक के भूगोल को देखें तो उत्तर में महाराष्ट्र,उत्तर पश्चिम में गोवा, दक्षिण में केरल,दक्षिण पूर्व में तमिलनाडु,पूर्व में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना है।कर्नाटक को मिलाकर इन सभी राज्यों की लोकसभा सीटों को मिलाकर कुल179सीटें बैठती हैं।कर्नाटक विधानसभा में कमल के नहीं खिलने से लोकसभा चुनावों की राह में कांटे बो दिए गए हैं।दक्षिण के 6 राज्यों से130 लोक सभा के सीटें है।ये कुल लोकसभा सीटों का तकरीबान 25 फीसदी हैं।दक्षिण भारत सियासी तौर पर भी काफी महत्वपूर्ण है।
कर्नाटक में झटका लगने से बीजेपी के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सहित दक्षिण के बाकी राज्यों में बड़ा सियासी नुकसान हो सकता है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि तेलंगाना में के.चन्द्रशेखर राव की सरकार को हराने के लिए बीजेपी का कर्नाटक जीतना बहुत जरूरी था।
कर्नाटक के साथ ही पश्चिम बंगाल, बिहार,झारखंड,महाराष्ट्र में भी बीजेपी की सीटें घट सकती हैं।इन राज्यों में हो रहे सीटों के नुकसान की भरपाई के लिए बीजेपी को नए राज्य तलाशने होंगे जो भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी ।
कनार्टक विधान सभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की जीत पर शरद पवार, ममता बनर्जी से लेकर स्टालिन तक ने 2024 के लोक सभा चुनाव को लेकर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है।पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी,तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन,शिवसेना नेता संजय राउत और एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि ये 2024 के लोक सभा चुनाव में जीत की शुरुआत है।वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी कहा कि यह एक स्पष्ट संदेश है।हम कर्नाटक के गरीब लोगों के साथ खड़े थे।वे बी जी पी कर्नाटक के अमीरों के साथ थी।गरीबों ने इस चुनाव को जीत लिया।यह परिणाम 2024 के लिए मील का पत्थर साबित होगा।विपक्षी दल एक जुटता की कोशिश कर रहे हैं ताकि बीजेपी के खिलाफ हम मिलकर लड़ सकें। विपक्षी एकता को लेकर हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनसीपी चीफ शरद पवार,अखिलेश यादव,उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी सहित कई नेताओं से मुलाकात की थी।इसके बाद सभी ने एक बात दोहराई थी कि आने वाले दिनों में आगे की रणनीति को लेकर हम चर्चा करेंगें।ममता बनर्जी ने कांग्रेस की जीत पर कहा कि क्रूर अधिनायकवादी और बहुसंख्यकवादी राजनीति पराजित हुई हैIबदलाव के पक्ष में निर्णायक जनादेश के लिए कर्नाटक के लोगों को सलाम है।जब लोग चाहते हैं कि लोकतांत्रिक ताकतें जीते तो कोई केंद्रीय डिजाइन इसे नहीं रोक सकताIउन्होंने आगे कहा कि यह 2024 की शुरुआत है।यूपी में बीजेपी है लेकिन अखिलेश यादव अच्छा करेंगे और मैं उनके साथ हूं।अगर आप दक्षिण से शुरुआत करें तो कर्नाटक,तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बाद बंगाल,बिहार,झारखंड फिर महाराष्ट्र,पंजाब,दिल्ली इन राज्यों में पहले इनकी सरकार बनने का पीक टाइम रहा,लेकिन अब बीजेपी 100 सीटें भी पार नहीं पार कर पाएगी।
शरद पवार ने कहा कि कर्नाटक चुनाव के परिणाम का ट्रेंड 2024 तक चलता रहेगा।हमारा टारगेट बीजेपी को हराना है।बीजेपीं राजस्थान,दिल्ली,झारखंड,पंजाब, केरल,तमिलनाडु,तेलंगाना और पश्चिम बंगाल की सत्ता से बाहर है।
पवार ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का फायदा हुआ है।उन्होंने कहा कि एनसीपी भी कर्नाटक में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन यह सिर्फ एक कोशिश थी।उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने मोदी है तो मुमकिन है नारे का अस्वीकार कर दिया है।डीएमके के प्रमुख एमके स्टालिन ने कांग्रेस को बधाई देते हुए कहा कि ये बीजेपी को करारा जवाब है।उन्होंने ट्वीट किया कि राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द करना,जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करना,हिंदी थोपना और भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दे कर्नाटक के लोगों के मन में वोटिंग के दौरान रहे।आओ मिलकर 2024 जीतने के लिए काम करें।संजय राउत ने कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर बीजेपी पर तंज कसा।उन्होंने बजरंगबली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर ट्वीट किया।इसमें हनुमान भगवान के आगे130 प्लस लिखा है तो पीएम मोदी के फोटो के सामने 60 प्लस लिखा है।बजरंगबली की गदा बीजेपी के सर पर पड़ी है।कर्नाटक में कांग्रेस जीत रही है तो यह पीएम मोदी और अमित शाह की हार है।उन्होने कर्नाटक विधान सभा के इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का बनाया था।फिर जब उन्हें लगा कि वे चुनाव हार रहे हैं तो उन्होंने बजरंगबली को आगे कर दिया।कर्नाटक विधान सभा के चुनाव के ये परिणाम 2024 के लोक सभा के चुनाव का दिशा व दशा तय करेगी।कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत की खुशी में डीएमके के चीफ एमके स्टालिन ने कांग्रेस को बधाई देते हुए कहा कि ये बीजेपी को करारा जवाब है।उन्होंने ट्वीट किया कि राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द करना,जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करना,हिंदी थोपना और भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दे कर्नाटक के लोगों के मन में वोटिंग के दौरान रहे।आओ मिलकर 2024 जीतने के लिए काम करें।कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पीएम मोदी और अमित शाह की हार है।जिस तरह उन्होनें इसे प्रतिष्ठा का चुनाव बनाया था।फिर जब लगा कि हार रहे हैं तो उन्होंने बजरंगबली को आगे कर दिया।ये परिणाम सन 2024 के लोक सभा चुनाव का दिशा में विपक्ष का मार्ग दर्शन करेगा।आप को ध्यान होगा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि कर्नाटक में सरकार बनने पर बजरंग दल जैसे संगठनों पर कार्रवाई करेंगे।इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस बजरंगबली के भक्तों को ताले में बंद करने का प्रयास कर रही है।
खैर कर्नाटक विधान सभा चुनाव की जीत के जश्न में कांग्रेस पार्टी को यह नही भुलना चाहिए कि उनकी जिम्मेदारी और भी अधिक हो गई है।विपक्ष के नेताओ को एक मंच पर लाकर उन्हें भाजपा जिनके पास केन्द्र में सरकार व सरकारी तंत्र है शक्ति उनके चक्रबिहुँ को तोड़ने की रणनीति की काफी ही सुझ बुझ के साथ काम करने की चुनौती होगी।खैर यह तो भारत के भाग्य विधाता यानि जनता जर्नादन पर र्निभर करेगा वह दिल्ली में सत्ता के सिंधासन पर किसे विजय श्री का ताज सोपेगी।जिसके लिए अभी आप को इंतजार करना होगा।मुझे आप से यह कहते हुए विदा लेना होगा-
ना ही काहुँ से दोस्ती,
ना ही काहुँ से बैर।
खबरी लाल तो माँगे,सबकी खैर।
फिर मिलेगे तीरक्षी नजर से,तीखी खबर के संग,तब तक के लिए अलविदा।