Shine Delhi

Home

होली के त्यौहार के अवसर पर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने लाखों कारीगरों को मजदूरी में वृद्धि का तोहफा दिया : मनोज कुमार (अध्यक्ष, केवीआईसी)


  • केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने घोषणा की कि 1 अप्रैल 2025 से खादी कारीगरों की मजदूरी में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
  • इससे पहले 17 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर कारीगरों की मजदूरी में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।
  • पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने खादी कारीगरों की मजदूरी में 275 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि की है।
  • केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन और बिक्री पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देगी।
  • केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ’खादी क्रांति’ के प्रभाव से प्रयागराज महाकुंभ में 12.02 करोड़ रुपये मूल्य के खादी उत्पादों की ऐतिहासिक बिक्री हुई है।”

नई दिल्ली : नई दिल्ली स्थित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार के खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के राजघाट कार्यालय में प्रेस वार्ता और होली मिलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र की उपलब्धियों की जानकारी साझा की और बताया कि आयोग ने खादी कारीगरों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। एक अप्रैल 2025 से खादी कारीगरों की मजदूरी में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।

वर्तमान में चरखे पर सूत कातने के लिए कातने वालों को 12.50 रुपये मिलते हैं, जिसमें एक अप्रैल 2025 से 2.50 रुपये की वृद्धि की जाएगी। बढ़ी हुई दर के अनुसार अब उन्हें प्रति सूत कातने पर 15 रुपये मिलेंगे। केवीआईसी के अध्यक्ष ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में ‘खादी क्रांति’ से कारीगरों के जीवन में व्यापक बदलाव आया है। सरकार ने कताई-बुनकरों की आय में ऐतिहासिक वृद्धि की है।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित भारत टेक्स-2025 के दौरान ‘खादी पुनर्जागरण’ के लिए ‘खादी फॉर फैशन’ का मंत्र दिया है।

इस मंत्र को जन-जन तक पहुंचाने और खादी को आधुनिक परिधान के रूप में लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से केवीआईसी ने हाल ही में नागपुर, पुणे, वडोदरा, चेन्नई, जयपुर और प्रयागराज सहित देश के प्रमुख शहरों में भव्य खादी फैशन शो आयोजित किए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से आयोजित इन फैशन शो के माध्यम से ‘नए भारत की नई खादी’ को खासकर युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया गया, जो बेहद सफल रहा है। इससे खादी को एक नया आयाम मिला है और यह आधुनिक परिधान के रूप में अपनी पहचान बना रही है। केवीआईसी के अध्यक्ष ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री 5 गुना यानी 31,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,55,000 करोड़ रुपये हो गई। जबकि खादी कपड़ों की बिक्री 6 गुना यानी 1,081 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 6,496 करोड़ रुपये हो गई। कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2023-24 में 10.17 लाख नए लोगों को रोजगार मिला। उन्होंने आगे कहा कि अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में उत्पादन और बिक्री का नया रिकॉर्ड बनेगा। केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी क्रांति के प्रभाव से खादी सिर्फ एक कपड़ा नहीं बल्कि ग्रामीण भारत के आर्थिक सशक्तिकरण की नींव बन गई है।

  • 1 अप्रैल 2023 को मजदूरी 7.50 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति हैंक कर दी गई।
  • 17 सितंबर 2024 को इसे 10 रुपये प्रति हैंक से बढ़ाकर 12.50 रुपये प्रति हैंक कर दिया गया।
  • 1 अप्रैल 2025 से इसे बढ़ाकर 15 रुपये प्रति हैंक किया जा रहा है।
  • पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने खादी कारीगरों की मजदूरी में 275 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि की है।
  • केवीआईसी के अध्यक्ष ने बताया कि महाकुंभ 2025 के अवसर पर प्रयागराज में 14 जनवरी से 27 फरवरी 2025 तक राष्ट्रीय स्तर की खादी और ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ‘खादी क्रांति’ के प्रभाव से 12.02 करोड़ रुपये के खादी उत्पादों की ऐतिहासिक बिक्री हुई।
  • प्रदर्शनी में खादी के 98 तथा ग्रामोद्योग के 54 स्टॉल लगाये गये, जिनमें 9.76 करोड़ रुपये मूल्य की खादी तथा 2.26 करोड़ रुपये मूल्य के ग्रामोद्योग उत्पाद बिके।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *