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IITF-2024 : बिहार की पारंपरिक सिल्वर क्राफ्ट कला को इस बार भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में मिल रही खास पहचान


दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे व्यापार मेला में भागलपुर,बिहार सिल्वर क्राफ्ट के लिए मशहूर इस क्षेत्र की कला को प्रदर्शित करने के लिए भागलपुर के कलाकार ने स्टॉल नंबर 21 पर अपनी कला पेश की है।

1. सिल्वर आइटम्स की खासियत: स्टॉल पर चांदी से बने विभिन्न प्रकार के आइटम्स उपलब्ध हैं, जैसे पेंटिंग, चांदी के बर्तन (थाली, गिलास, कटोरी आदि), पायल, कंगन, और अंगूठियां। ये सभी वस्तुएं हाथ से बनाई गई हैं और खासतौर पर बिहार के मणिया गांव में तैयार होती हैं।

2. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिमांड: सिल्वर क्राफ्ट की ये कलाकृतियां न केवल भारत में बल्कि अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी निर्यात की जा रही हैं। कलाकार का कहना है कि उनके उत्पाद को सभी सरकारी मानकों और कस्टम प्रक्रिया से मंजूरी मिलती है, जिसमें सरकारी अधिकृत सर्टिफिकेट भी शामिल हैं।

3. बिहार सरकार का सहयोग: कलाकार ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा उन्हें इस मेले में भाग लेने का अवसर दिया गया है। उनका उद्देश्य बिहार की कला को दुनिया के सामने पेश करना और उसे उचित दामों पर बेचना है।

4. ग्राहकों की पसंद: पहले दिन से ही स्टॉल पर ग्राहकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। अधिकांश ग्राहक चांदी के बर्तन जैसे थाली, गिलास और कटोरी खरीद रहे हैं। इसके अलावा, पायल, कंगन, और छोटे गहने भी खूब पसंद किए जा रहे हैं।

5. पहली बार प्रगति मैदान में: यह प्रगति मैदान में कलाकार का पहला अनुभव है। इससे पहले उन्होंने आईएनए में दो बार प्रदर्शनी लगाई थी। उनका कहना है कि प्रगति मैदान का अनुभव बेहद शानदार है और उन्हें ग्राहकों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का पहला दिन: 14 नवंबर को शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार पवेलियन खास आकर्षण का केंद्र रहा। सिल्वर क्राफ्ट स्टॉल को बड़ी संख्या में ग्राहकों ने देखा और सराहा।

सिल्वर क्राफ्ट के इस अनूठे प्रदर्शन ने बिहार की कला और संस्कृति को एक नई ऊंचाई दी है। भागलपुर के कलाकार का कहना है कि इस तरह के आयोजन न केवल कला को प्रमोट करते हैं, बल्कि स्थानीय कलाकारों को भी रोजगार और पहचान दिलाते हैं।


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