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हमारे लोगों का संस्कार व संस्कृति से विमुख होना राष्ट्र व मानवता के लिए घातक : आचार्य श्री देव श्री श्री वेदप्रकाश गुप्ता


नई दिल्ली (राजेश शर्मा) – देश से राक्षसी वृत्ति मिटाने व युवा पीढ़ी को संस्कारित करने के उद्देश्य को लेकर कार्य करने वाले श्री देवालय संघ के पंजाबी बाग केंद्रीय कार्यालय में नव-वर्ष के आगमन पर नए संकल्पों और बीते वर्ष  के कार्यों व उपलब्धियों पर चर्चा  करने हेतु पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया।

इस मौके पर देवालय संघ के संस्थापक एवं मार्गदर्शक आचार्य श्री देव श्री श्री वेदप्रकाश गुप्ता जी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान दौर के भारत में सामाजिक और आध्यात्मिक वातावरण में बहुत तेज गति से बदलाव हो रहा है। परिणाम स्वरूप भारत भूमि के निवासी, बालक, युवा और बुजुर्ग सभी की सात्विक प्रवृत्तियाँ धीरे-धीरे राक्षसी झुकाव लेती जा रही हैं, नतीजा है कि लोग अपने संस्कार एवं संस्कृति से विमुख होते जा रहे हैं। लोगों का संस्कार एवं संस्कृति से विमुख होना हमारे राष्ट्र व सनातन संस्कृति के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। हमारा श्री देवालय संघ भारतवासियों के जनमानस में व्याप्त इन सभी कुरीतियों, भ्रांतियों व दिग्भ्रमित करने वाले वातावरण को दूर करने के कार्य  करता है। हमारा लक्ष्य “सभी सुखी हों , समृद्ध हो , सर्वत्र शांति हो”

वरिष्ठ पत्रकार एवंम् देवालय संघ के राष्ट्रीय प्रभारी रजनीकांत तिवारी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि  संसार में सब सुखी और समृद होना चाहते हैं और शांति की अपील करते हैं लेकिन इन सबके लिए सच्चे मन से दृड़ संक्लप के साथ कोई भी कार्य नहीं करते ना ही ऐसी प्रवृति को व्वहार में उतारते हैं। यदि इन के लिए हम छोटा प्रयास भी सच्चे दिल से दृ़ढ़ता के साथ करें तो अपने परिवार, समाज और देश में काफी बदलाव ला सकते हैं। हमारा देवालय संघ भी छोटे-छोटे प्रयासों के साथ समाज में बदलाव के लिए दृड़ संकल्प कार्य कर रहा है। इसके प्रचार प्रसार के लिए समाज में संस्कृति रक्षक एवं संस्कृति नायकों को मनोनित करना, इनके माध्यम से समाज के लोगों के बीच श्री देवालय संघ के उद्देश्यों को बताना,  साप्ताहिक मंथन बैठक आदि के माध्यम से श्री देवालय संघ की गतिविधियों को लोगों तक पहुचाना जारी है।


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