नई दिल्ली: कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) ने दिल्ली एनसीआर के बाजार में नंदिनी दूध और दही की अपनी प्रीमियम रेंज लॉन्च करने की घोषणा की है। केएमएफ कर्नाटक में दूध उत्पादक सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था है। तरल दूध और दही की रेंज लॉन्च करने का यह महत्वपूर्ण विस्तार 21 नवंबर 2024 को कर्नाटक के माननीय मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैया, माननीय उप मंत्री श्री डीके शिवकुमार के साथ कई अन्य की उपस्थिति में हुआ।
केएमएफ को यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस मौके पर श्री केएन राजन्ना सहकारिता मंत्री, श्री के वेंकटेश पशुपालन मंत्री, श्री एन चेलुवरायस्वामी कृषि मंत्री, अन्य कैबिनेट मंत्री, केएमएफ के चेयरमैनश्री एलबीपी भीमा नाइक, मंड्या मिल्क यूनियन के चेयरमैन श्री बी बोरेगौड़ा और केएमएफ व मंड्या मिल्क यूनियन के निदेशक मंडल तथा केएमएफ के प्रबंध निदेशक भी मौजूद थे।
चार दशक से ग्रामीण आर्थिक और सामाजिक विकास की आधारशिला रहा केएमएफ इस समय भारत में दूसरी सबसे बड़ी सहकारी डेयरी है। दूध खरीद और बिक्री के मामले में दक्षिण भारत में अग्रणी सहकारी डेयरी है। “हर दिन, केएमएफ 95 लाख लीटर दूध खरीदता है और उपभोक्ताओं से प्राप्त 80% धन सीधे किसानों को लौटा देता है। श्री एलबीपी भीमा नाइक, चेयरमैन, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने कहा, “कृषि क्षेत्र में यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यहां किसानों को आम तौर पर बहुत कम हिस्सा मिलता है।”
कर्नाटक सरकार के अटूट समर्थन से, केएमएफ ने राज्य को दूध की कमी वाले क्षेत्र से दूध की अधिकता वाले क्षेत्र में बदल दिया है। इससे कर्नाटक देश के कुछ ऐसे राज्यों में से एक बन गया है जहां पूरे साल अधिशेष (उपयोग के बाद बचा) रहता है। इस वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से उत्पादकों को दिए जाने वाले उचित और लाभकारी दूध की कीमतों को जाता है, जिसने राज्य में तेजी से डेयरी विकास को प्रोत्साहित किया है।
केएमसी के प्रबंध निदेशक श्री जगदीश एमकेने कहा, “वैश्विक डेयरी बाजार में भी केएमएफ का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और अमेरिका सहित 25 से अधिक देशों में स्किम्ड मिल्क पाउडर, होल मिल्क पाउडर, घी, यूएचटी दूध और अन्य डेयरी उत्पादों सहित उत्पादों की रेंज का निर्यात करता है। 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक कारोबार के साथ, केएमएफ ने न केवल कर्नाटक की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि भारत में डेयरी उद्योग के लिए नए मानक भी स्थापित किए हैं।”